अगर आप साधारण रूप से यमक अलंकार की परिभाषा (yamak alankar ki paribhasha) के बारे में समझना चाहते हो, तो आप सही जगह पर है। यहाँ हिंदी साहित्य से संबधित पूर्ण जानकरी प्रदान की जाती है।
यमक अलंकार हिंदी काव्यशास्त्र का एक महत्वपूर्ण अलंकार है, जिसमें एक ही शब्द या पद दो बार प्रयुक्त होता है, लेकिन प्रत्येक बार उसका अर्थ भिन्न होता है। यह अलंकार कविता या गद्य में सौंदर्य और चमत्कार उत्पन्न करता है, जिससे भाषा अधिक प्रभावी और रोचक बनती है।
इस प्रकार, यमक अलंकार भाषा में लय, मधुरता और सौंदर्य जोड़ने का कार्य करता है। यह कवियों द्वारा विशेष रूप से भावों को प्रभावी बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके आलावा, यहाँ आप जानेंगे, yamak alankar ke udaharan, yamak alankar kise kahate hain, yamak ke bhed, yamak alankar ke example अदि।
यमक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित
यमक अलंकार हिंदी काव्यशास्त्र में एक महत्वपूर्ण शब्दालंकार है, जिसमें एक ही शब्द या पद दो बार आता है, लेकिन हर बार उसका अर्थ अलग होता है। यह अलंकार काव्य में सुंदरता और चमत्कार उत्पन्न करता है।
उदाहरण:
“मेरा मन मोहन, मोहन मोह ले गया।”
(पहला “मोहन” श्रीकृष्ण के लिए है, दूसरा “मोहन” का अर्थ मोहित करने वाला है।)
“चल री सुजानी, साजन के संग सुजानी।”
(पहला “सुजानी” ओढ़नी के लिए है, दूसरा “सुजानी” समझदार स्त्री के लिए।)
Yamak Alankar ki Paribhasha Udaharan Sahit (यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित)
जिस वाक्य में किसी एक शब्द की पुनरावृत्ति होती है, लेकिन प्रत्येक बार उसका अर्थ भिन्न होता है, वहां यमक अलंकार होता है। यह अलंकार काव्य में सौंदर्य और चमत्कार उत्पन्न करता है।
उदाहरण:
“कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।
या खाए बौराय जग, या पाए बौराय।”
इस पंक्ति में “कनक” शब्द दो बार आया है, जहाँ पहले “कनक” का अर्थ सोना है और दूसरे “कनक” का अर्थ धतूरा (एक नशीला फल) है। इस प्रकार, यमक अलंकार शब्दों के प्रयोग से कविता को रोचक बनाता है।
Yamak Alankar ke Bhed (यमक अलंकार के भेद)
यमक अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते है, जो निम्नलिखित है-
1.अभंग पद यमक – जब किसी शब्द को बिना किसी परिवर्तन के, समान रूप में कई बार प्रयोग किया जाता है, लेकिन हर बार उसका अर्थ अलग होता है, तो उसे अभंग पद यमक कहा जाता है।
2. सभंग पद यमक – जब किसी शब्द में हल्का परिवर्तन करके या जोड़-तोड़ कर एक जैसे वर्ण समूह (शब्द) की पुनरावृत्ति की जाती है, और उसका अर्थ भिन्न होता है या कभी-कभी निरर्थक भी हो सकता है, तो उसे सभंग पद यमक कहते हैं।
10 Yamak Alankar ke Udaharan Sahit (यमक अलंकार के 10 उदाहरण सहित)

1.कनक-कनक तै सौ गुनी मादकता अधिकाय- इस वाक्य में एक कनक (सोना) और दूसरा कनक (धतूरा) है। इसका मतलब सोना और धतूरा का नशा 100 गुना होता है।
2.कहे कवि बेनी, बेनी व्याल की चुराइ लीनी- इस वाक्य में एक बेनी (कवी) और दूसरी बेनी का मतलब (चोटी) है।
3.पास ही रे हीरे की खान, खोजता कहां और नादान- इस वाक्य में हीरे (होना) और दूसरे हीरे का मतलब आभूषण है और यहां निकट ही हीरे की खान है फिर भी लोग भटकते हैं का मतलब है।
4.जीवन का अंतिम धेय स्वयं जीवन है- इस वाक्य में जीवन (श्वास लेता शरीर) और दूसरे जीवन का मतलब संघर्ष बताया गया है।
5.लहर-लहर कर यदि चूमे तो, किंचित विचलित मत होना- इस वाक्य में लहर (तूफान) और दूसरे लह का मतलब संघर्ष से है, इसलिए यहां यमक अलंकार है।
6.काली घटा का घमंड घटा- इस वाक्य में घटा (बादल) घटा (कम होना) है। इसका मतलब है कि घनघोर काले बादल का घमंड कम हुआ है।
7.रती-रती सोभा सब रती के सरीर के- इस वाक्य में रती (शरीर) व दूसरे रती (सुंदरता) और तीसरे रती का मतलब (अप्सरा) है।
8.तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है- इस वाक्य में बेर (समय) और दूसरा बेर (फल) है और इसका मतलब तीन समय बेर खाती थी तीन मात्रा में।
9.तब हार पहार से लागत है, अब आनि के बीच पहार परे- इस वाक्य में एक पहार (पर्वत) और दूसरे पहार का मतलब विशाल है।
10.तेलनि तुलनि पूछ जरि, जरी लंक जराई जरी- इस वाक्य में एक जरी (जल गई) और दूसरी जरी का मतलब जड़ी हुई है।
यमक अलंकार से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
1.यमक अलंकार क्या है?
उत्तर- यमक अलंकार वह अलंकार है जिसमें एक ही शब्द या ध्वनि का पुनरुक्ति होती है, लेकिन उसका अर्थ अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है। इसे ‘यमक’ कहा जाता है।
2.कला घटा का घमंड घटा में कौन सा अलंकार है?
उत्तर- यमक अलंकार।
3.यमक अलंकार का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर- यमक अलंकार का प्रयोग कविता में एक विशेष ध्वनि प्रभाव उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। यह कविता को लयबद्ध और आकर्षक बनाता है।
4.यमक अलंकार और अनुप्रास अलंकार में अंतर क्या है?
उत्तर-यमक अलंकार में एक ही शब्द का पुनरुक्ति होती है, जबकि अनुप्रास अलंकार में एक ही ध्वनि का पुनरुक्ति होती है, लेकिन शब्द अलग होते हैं।
5- यमक अलंकार के कितने भेद हैं?
उत्तर- यमक अलंकार के 2 भेद होते हैं।